मशरूम की खेती कैसे करें? Complete Guide – लागत, मुनाफ़ा, ट्रेनिंग, मार्केटिंग और सरकारी सब्सिडी



1. मशरूम की खेती का सम्पूर्ण परिचय (Complete Introduction to Mushroom Farming)

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भारत में मशरूम की खेती एक ऐसा बिज़नेस है जिसकी मांग हर साल तेजी से बढ़ रही है। आज Restaurants, Hotels, Cafes, Online Food Apps और Export मार्केट में इसकी भारी डिमांड है। भारत में आमतौर पर लोग मशरूम को सब्जी के रूप में जानते हैं, लेकिन अब यह फार्मा, फूड, सप्लीमेंट, पाउडर, हॉस्पिटैलिटी जैसे 10 से अधिक सेक्टरों में उपयोग हो रहा है।

मशरूम एक तरह का फंगस (Fungus) है जो मृत जैविक पदार्थों पर उगता है। यह पौधा नहीं होता लेकिन पौधों की तरह बढ़ता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन, आयरन और सभी आवश्यक अमीनो एसिड पाए जाते हैं, जिसके कारण इसे Superfood कहा जाता है।

भारत में मशरूम की मांग इतनी तेज़ी से बढ़ रही है कि आए दिन नई-नई कंपनियाँ इसे बड़े पैमाने पर खरीदती हैं।

मशरूम खेती क्यों लोकप्रिय है?

  • कम जगह में ज्यादा कमाई
  • शुरुआत 10×10 room से भी
  • 30–45 days में तैयार
  • 1 kg का मार्केट प्राइस 100–200 रुपये
  • सालभर खेती संभव
  • सरकार भी ट्रेनिंग देती है

2 – मशरूम के प्रकार (Types of Mushrooms & Their Business Value)

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भारत में लगभग 15 प्रकार की Edible Mushrooms पाई जाती हैं, लेकिन खेती के लिए मुख्य 3 प्रकार ज्यादा प्रसिद्ध हैं।


1. बटन मशरूम (Button Mushroom Farming)

भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला मशरूम।
तापमान: 14°C – 20°C
मांग: Hotels + Pizza Shops + Supermarket
कीमत: ₹120–₹200 प्रति किलो

👉 ठंडे मौसम में उगता है, इसलिए North India में ज्यादा उत्पादन होता है।


2. ऑयस्टर मशरूम (Oyster Mushroom Farming)

सबसे आसान और घर पर उगाने लायक मशरूम।
तापमान: 20°C – 30°C
कीमत: ₹100–₹180 प्रति किलो

👉 यह तेजी से बढ़ता है और सबसे कम लागत में सबसे ज्यादा मुनाफा देता है।


3. मिल्की मशरूम (Milky Mushroom)

South India में बेहद लोकप्रिय।
तापमान: 25°C – 35°C
कीमत: ₹100–₹160 प्रति किलो

👉 गर्मी में उगने वाला मशरूम, इसलिए सालभर खेती करना आसान।


Bonus Mushrooms (High Profit)

  • Shiitake Mushroom → ₹600–₹1500/kg
  • Ganoderma Mushroom (Medicinal) → ₹2000–₹5000/kg

3 – मशरूम की खेती के लिए आवश्यक तैयारी (Complete Setup Requirements)

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मशरूम उगाने के लिए आपको बहुत ज्यादा जमीन या खेत की ज़रूरत नहीं होती।
सिर्फ कमरे में ही पूरा उत्पादन सम्भव है।


1. स्थान (Space Required)

  • 10×10 feet कमरा → 50–70 kg/month उत्पादन
  • 12×15 feet room → 100+ kg/month
  • Terrace, Basement, Shed में आसानी से खेती

कमरे के लिए आवश्यक बातें—

  • कम रोशनी (semi-dark)
  • वेंटिलेशन
  • सीलन / Humidity 70–90%
  • तापमान नियंत्रित (Fan + Cooler + Humidifier)

2. तापमान (Temperature Control)

हर मशरूम का अपना ideal temperature होता है।

मशरूम Required Temp
Button 14°C–20°C
Oyster 20°C–30°C
Milky 25°C–35°C

👉 तापमान के लिए आप cooler, fogger या AC का भी उपयोग कर सकते हैं।


3. नमी (Humidity)

Humidity = 70% से 90%
इसके लिए:

  • स्प्रे (मैनुअल)
  • Fogger
  • Humidifier

4. सफाई और सेनेटाइजेशन

यह मशरूम खेती का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।
क्योंकि थोड़ा सा infection (Black Mold, Green Mold) भी पूरा बैच खराब कर सकता है।


4 – सब्सट्रेट तैयार करना (Preparing Substrate in Full Detail)

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सब्सट्रेट वह सामग्री है जिस पर मशरूम उगता है।
भारत में 90% लोग गेहूं का भूसा उपयोग करते हैं।


सब्सट्रेट सामग्री

  • गेहूं का भूसा
  • धान का पुआल
  • कॉटन वेस्ट
  • शुगरकेन बागास

सब्सट्रेट बनाने की Full Process (Step-by-Step)

यह सबसे महत्वपूर्ण भाग है।
इसे ग़लत किया तो फसल खराब।


Step 1 – पुआल काटना

पुआल को 2–3 इंच के छोटे टुकड़ों में काटें।
क्योंकि बड़े टुकड़ों में माइसीलियम फैल नहीं पाता।


Step 2 – पानी में भिगोना

पुआल को साफ पानी में 6–10 घंटे पूरी तरह डूबा कर रखें।

⟶ इससे पुआल मुलायम हो जाता है।


Step 3 – Pasteurization (सबसे जरूरी)

पुआल को 65°C – 70°C पर 1 घंटे गर्म करें।

क्यों?

  • बैक्टीरिया मर जाते हैं
  • फंगस नहीं लगता

Pasteurization के तरीके—
1️⃣ पानी उबालने वाला तरीका
2️⃣ स्टीम वाला तरीका (बेहतर)


Step 4 – पानी निकालना

पुआल को निकालकर पूरी तरह ठंडा होने दें।
पानी इतना निकले कि—

👉 हाथ दबाने पर कुछ बूंदें आएँ, धार न बने।


Step 5 – Calcium Powder मिलाना

2% Calcium Carbonate मिलाना जरूरी है।
यह pH को नियंत्रित करता है।


5 – स्पॉन डालना (Inoculation Process: Adding Mushroom Spawn)

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सब्सट्रेट तैयार होने के बाद उसमें स्पॉन मिलाया जाता है।
स्पॉन = बीज।


स्पॉन की Quality कैसे पहचाने?

  • सफेद माईसीलियम से पूरी तरह भरा हुआ
  • ताजा (25–30 days old)
  • पैक पर manufacturing date देखें

स्पॉन डालने की प्रक्रिया (Step-by-Step)


Step 1 – बैग तैयार करना

  • 14×18 या 16×20 size के poly bags
  • बैग में 50–70 छोटे छेद कर दें

Step 2 – लेयर बनाना

  • बैग में पहले 3–4 इंच substrate
  • फिर थोड़ा spawn
  • फिर substrate
  • फिर spawn

लगभग 3–4 लेयर बनाएं।


Step 3 – बैग को बांध देना

ऊपर से बांधें और dark room में रखें।


Step 4 – Incubation शुरू हो जाता है

  • 14–18 दिनों में पूरा बैग सफेद दिखेगा
  • यही माईसीलियम है

6 – इन्क्यूबेशन स्टेज (Full Detail)


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इन्क्यूबेशन वह चरण है जिसमें स्पॉन (बीज) सब्सट्रेट के अंदर फैलता है।
यही वह समय है जब पूरा बैग सफेद हो जाता है और मशरूम बनने की नींव तैयार होती है।


Incubation Room Requirements

Temperature: 24°C – 28°C
Humidity: 60% – 70%
Light: Dark Room (No Direct Light)
Ventilation: Low (only small air movement)


👉 इस समय ज्यादा हवा की जरूरत नहीं होती क्योंकि मायसीलियम कम ऑक्सीजन में भी फैल सकता है।

Complete Step-by-Step Incubation Process

1️⃣ बैग को रैक पर रखें

बैग को जमीन पर बिल्कुल न रखें
कम से कम 1 फुट ऊपर रैक पर रखें
हवा का थोड़ा बहुत चक्रण आवश्यक

2️⃣ Room Temperature Fix करें

Incubation का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा तापमान है।
अगर तापमान कम या ज्यादा हो गया तो:
मायसीलियम फैलना धीमा
बैग में ब्लैक/ग्रीन फंगस
उत्पादन घट जाता है

3️⃣ हर 24 घंटे में रूम चेक करें

अंदर बहुत ज्यादा नमी हो तो बैग में पानी जमा होकर फसल खराब कर सकता है।

4️⃣ 12–18 दिन बाद बैग का रंग सफेद

पूरा बैग सफेद दिखने लगेगा
मायसीलियम तेज़ी से फैलेगा
अंदर कुछ कोनों में हल्के भूरे धब्बे भी हो सकते हैं (normal)

5️⃣ Incubation Complete Signal

इनमें से कोई भी संकेत मिल जाए तो incubation पूरा:

✔ बैग का 90–95% हिस्सा सफेद
✔ बैग से हल्की मिट्टी जैसी महक
✔ सब्सट्रेट टाइट महसूस होना

अब आप बैग को Fruiting के लिए तैयार कर सकते हैं।

7 – फ्रूटिंग प्रोसेस (Fruiting Stage Full Detail)

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Incubation के बाद मशरूम बाहर निकलना शुरू करता है। इसे ही Fruiting कहते हैं।

Fruiting Room Requirements

Humidity: 85% – 95%
Temperature: 20°C – 28°C
Light: Indirect light
Ventilation: High air exchange
Fresh Air Circulation: आवश्यक

Fruiting की Step-by-Step Process

1️⃣ बैग में छेद करें

बैग के 8–10 छोटे छेद करें
हर छेद 1–2 cm का हो
यही छेद पिनहेड बाहर आने का रास्ता बनेंगे

2️⃣ Humidity बढ़ाएँ (सबसे महत्वपूर्ण)

Humidity 90–95% रखनी है।
इसके लिए:
दिन में 3–4 बार पानी छिड़काव
Fogger / Humidifier
फर्श पर पानी छिड़कना

👉 अगर नमी कम होगी तो मशरूम सूख जाएंगे।

3️⃣ हल्की रोशनी दें

मशरूम को नहीं चाहिए तेज रोशनी।
बस इतनी रोशनी चाहिए कि पिनहेड को दिशा मिले।

4️⃣ Ventilation बढ़ाएँ

Fresh air exchange बहुत जरूरी है।
कम हवा मिलने पर:
कैप सही नहीं बनती
मशरूम लंबा-पतला हो जाता है

5️⃣ पिनहेड आना शुरू (3–6 Days)

3–6 दिन में छोटे-छोटे दाने जैसे पिनहेड निकलते हैं।
यही मशरूम का पहला चरण है।

6️⃣ 7–10 दिन में फसल तैयार

अब proper आकार में mushroom दिखाई देने लगता है।

8 – मशरूम की कटाई (Harvesting Full Guide)

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Harvesting एक संवेदनशील प्रक्रिया है।
गलत कटाई से उत्पादन आधा हो सकता है।

Harvesting कब करें?

कटाई तब करें जब:
कैप गोल हो
कैप पूरा खुलने न लगे
मशरूम सख्त और fresh लगे

कैसे करें Harvesting?

Step 1 – मशरूम को हल्के हाथ से पकड़ें
Step 2 – थोड़ा Twist करें
हल्के से घुमाएँ और बाहर निकाल लें।
Step 3 – नीचे से सफाई करें
बेस पर लगी मिट्टी/सब्सट्रेट काट दें।
Step 4 – पानी न डालें

मशरूम पर कभी पानी से वॉश न करें।

1 बैग से कितने दिनों तक फसल मिलती है?

पहला फ्लश: Day 10
दूसरा फ्लश: Day 15
तीसरा फ्लश: Day 20

Total Production = 700–900 grams per bag

9 – 10×10 कमरे में पूरा बिजनेस प्लान (Complete Business Setup)

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यह MSME स्तर पर छोटा लेकिन हाई इनकम बिजनेस है।

10×10 Room Capacity
100–120 bags
हर बैग 700–900 grams
Total → 80–100 kg Production

कुल उत्पाद

Item Value
Monthly Production 80–100 kg
Selling Price ₹120–₹180/kg
Total Monthly Income ₹10,000 – ₹18,000

(केवल 10×10 room से)
अगर आप 12×15 room करें तो
Income = ₹25,000+ Month


10 – मार्केटिंग और बिक्री (Marketing & Selling Full Guide)

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मशरूम की सबसे बड़ी खासियत है कि ये हर शहर में बिकता है।

कहाँ बेचें? (Top Buyers List)

✔ Hotels
✔ Restaurants
✔ Fast Food Chains
✔ Supermarkets
✔ Online Apps (BlinkIt, Swiggy Instamart)
✔ Home Delivery
✔ Local Vegetables Market
✔ Wholesalers
✔ Gyms & Nutrition Centers

मार्केटिंग कैसे करें? (Marketing Tips)

✔ WhatsApp Business Catalog
✔ Google My Business
✔ Instagram Page
✔ Hotels से Contract
✔ Mushroom Powder बनाकर बेचें

Price Range (India)

Button: ₹120–₹200/kg
Oyster: ₹100–₹180/kg
Milky: ₹100–₹160/kg

ज्यादा मुनाफा कैसे कमाएँ?

Mashroom Pickle
Mashroom Powder
Mashroom Chips
Ready-to-cook Pack
Dried Mushrooms


11 – मशरूम खेती में लागत, खर्च और कुल मुनाफ़ा (Full Profit Calculation)

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यदि आप 10×10 फीट कमरे में खेती करते हैं, तो आपकी लागत बहुत कम रहती है।
यहाँ पूरा Costing Breakdown दिया जा रहा है:


1. मशरूम स्पॉन (Seed Cost)

  • 100 बैग × 1 बैग में 200–250 ग्राम स्पॉन
  • 1 kg स्पॉन = ₹80–₹120
  • आवश्यक स्पॉन = 20–25 kg
  • कुल खर्च = ₹2000–₹2500

2. सब्सट्रेट (Wheat Straw)

  • 100 बैग के लिए पुआल = 80–90 kg
  • ₹5–₹7 per kg
  • कुल खर्च = ₹400–₹600

3. पॉलीबैग

  • 100 बैग × ₹2 प्रति बैग
  • खर्च = ₹200

4. बिजली + पानी

  • Electric Bill = ₹250–₹300
  • पानी = ₹100
  • कुल = ₹350–₹400

5. Chemical / Calcium powder

  • CaCO₃, Formalin, Bleaching
  • खर्च = ₹200–₹350

6. Room Setup (Monthly Depreciation)

  • Racks
  • Room Sanitation
  • Fogger/Humidifier
    औसत मासिक खर्च = ₹500–₹700

कुल लागत (Total Cost)

₹3800 – ₹4500 प्रति माह


कुल उत्पादन (Total Monthly Yield)

80–100 kg


कुल बिक्री मूल्य (Total Income)

यदि औसत दाम ₹150/kg मानें:
₹150 × 100 kg = ₹15,000


कुल मुनाफ़ा (Net Profit)

₹15,000 – ₹4,500 = ₹10,500 प्रति माह
(10×10 Room से)

👉 अगर आप 12×15 Room करते हैं तो
Profit = ₹22,000–₹28,000 प्रति माह।

👉 Commercial Level पर 500 बैग = ₹80,000–₹1,20,000 महीना कमाई।


12 – मशरूम की बीमारियाँ और उनका इलाज (Diseases & Treatment Full Guide)

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मशरूम खेती में फंगस और बैक्टीरिया सबसे बड़ा खतरा होता है।

नीचे सभी सामान्य बीमारियाँ और उनका इलाज दिया गया है।


1️⃣ Green Mold (Trichoderma Infection)

Symptoms:

  • बैग पर हरा चक्का
  • मशरूम का बढ़ना बंद

Treatment:

  • संक्रमित बैग तुरंत बाहर फेंकें
  • Room को 2% Formalin से साफ करें
  • Humidity कम करें

2️⃣ Black Mold

Symptoms:

  • काला धब्बा
  • बदबू

Treatment:

  • Ventilation बढ़ाएँ
  • Wetness कम करें
  • Strong Bleach (4%) Spray

3️⃣ Wet Bubble Disease

Symptoms:

  • Mushrooms चिपचिपे
  • पानी जैसा पदार्थ

Treatment:

  • Humidifier बंद करें
  • कमरे को सुखाएँ
  • Bleach Spray

4️⃣ Bacterial Blotch

Symptoms:

  • Mushrooms पर पीले धब्बे

Treatment:

  • Excess पानी छिड़काव बंद
  • Fresh Air Circulation बढ़ाएँ
  • Calcium मिलाएँ

Disease Prevention (सबसे जरूरी)

  • कमरे में जूते बदलकर जाएँ
  • प्रतिदिन Formalin Spray
  • Gloves + Mask पहनें
  • Room हमेशा साफ रखें

13 – सरकारी ट्रेनिंग, सब्सिडी और कोर्स (Government Support Full Detail)

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भारत सरकार और राज्य सरकारें मशरूम खेती को बढ़ावा देती हैं।


1️⃣ ICAR – Directorate of Mushroom Research (DMR) Training

  • 7-day course
  • पूरी वैज्ञानिक ट्रेनिंग
  • प्रमाणपत्र दिया जाता है
  • Location: Solan (HP)

2️⃣ Krishi Vigyan Kendra (KVK) Training

KVK हर जिले में है।
यहाँ मशरूम की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग फ्री या कम शुल्क में मिलती है।


3️⃣ NABARD Subsidy

  • Mushroom Shed पर 40%–50% सब्सिडी
  • Equipment पर 30% Subsidy

4️⃣ PM FME Scheme

  • मशरूम प्रोसेसिंग यूनिट (Pickle, Powder) लगाने पर
  • Loan + Subsidy (35% तक)

5️⃣ State Govt Training (हर राज्य में अलग योजना)

कई राज्यों में:

  • Free Training
  • Free Spawn
  • Shed Subsidy
  • Machinery Subsidy

उदाहरण:
UP, MP, Rajasthan, Haryana, Odisha, Karnataka, Tamil Nadu, Kerala आदि।


14 – घर से मशरूम खेती (Home Mushroom Farming Full Guide)

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अगर आप बिल्कुल छोटे स्तर पर शुरुआत करना चाहते हैं, तो घर में ही 15–20 बैग से खेती कर सकते हैं।


आवश्यक स्थान

  • Store room
  • Basement
  • Terrace कमरे
  • Unused small room

Steps to Grow Mushroom in Home

1️⃣ Mushroom Bags Purchase करें

Online ready-made bags भी मिलते हैं।

2️⃣ कमरे की सफाई

Bleach + Dettol से sanitize करें।

3️⃣ बैग को रैक पर रखें

Floor पर न रखें।

4️⃣ Humidity Maintain रखें

Spray Bottle + Wet Cloth.

5️⃣ Light & Ventilation Control

Indirect Light + Fresh Air बहुत जरूरी।


घर से कितनी कमाई होगी?

20 बैग → 15–20 kg
Selling Price = ₹120–₹150/kg
Total Income = ₹2000–₹3000 महीना
(घर बैठे Extra Income)


15 – एडवांस मशरूम फार्मिंग (High-Level Setup Guide)

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यह Commercial Farming के लिए है।


1. Climate-Control Chamber

  • Fully Automated
  • Automatic Fan
  • Auto Humidity
  • Fogger System
  • CO₂ Controller

2. Racks System (4–6 Layer)

1 Room = 500–800 Bags Capacity


3. RO Water + UV Light Setup

Purified water से infection risk कम होता है।


4. Air Filters + Insect Nets

Double-layer protection
High Yield Guarantee


5. Processing Unit Setup

  • Drying Machine
  • Powder Grinder
  • Vacuum Packaging

इससे Profit 3 गुना बढ़ जाता है।


16 – मशरूम बिज़नेस का मार्केटिंग मॉडल (Marketing Model for Mushroom Business)

1. मार्केटिंग क्यों जरूरी है?

मार्केटिंग के बिना मशरूम बेच पाना मुश्किल होता है क्योंकि यह ताज़ा प्रोडक्ट है और जल्दी खराब होता है। अच्छे ग्राहकों तक पहुँचना ही सफलता की कुंजी है।

“Marketing strategy is crucial for mushroom farming because mushroom is a perishable product.”


2. मार्केटिंग के मुख्य प्रकार

(1) B2B Marketing

  • रेस्टोरेंट
  • होटल
  • सुपरमार्केट
  • केटरिंग सर्विस

“B2B marketing helps farmers supply mushrooms directly to restaurants and supermarkets.”

(2) B2C Marketing

  • सीधे ग्राहक को
  • होम डिलीवरी
  • इंस्टाग्राम/फेसबुक

“B2C marketing increases brand value and brings more direct customers.”

(3) Wholesale Marketing

  • मंडी में थोक बिक्री
  • बड़े डिस्ट्रीब्यूटर

“Wholesale mushroom selling ensures fast movement of large quantities.”


3. मशरूम मार्केटिंग के आधुनिक तरीके

✔ सोशल मीडिया मार्केटिंग
✔ Brand Packaging
✔ Online Delivery Platforms (Swiggy, Zomato, ONDC)
✔ WhatsApp Business Catalog
✔ YouTube Farming Videos
✔ छोटे पैकेट में रिटेल सेल

“Digital marketing and smart packaging increase mushroom sales in modern markets.”


4. मशरूम बेचने के लिए सबसे अच्छे पैक साइज

पैक साइज़ Use
100g रिटेल कस्टमर
200g घर की जरूरत
500g Bulk ग्राहक
1 kg रेस्टोरेंट, होटल

“Ideal mushroom pack sizes are 100g, 200g, 500g and 1kg depending on customer needs.”


17 – मशरूम बिज़नेस में ब्रांडिंग (Branding for Mushroom Business)

1. Branding क्यों जरूरी है?

अगर आप 20–30% ज्यादा दाम पर मशरूम बेचना चाहते हैं तो Branding ही सबसे महत्वपूर्ण है।

“Branding increases mushroom price and builds long-term trust among customers.”


2. मशरूम बिज़नेस के लिए नाम कैसे चुनें?

नाम ऐसा हो जो—
✔ छोटा
✔ याद रखने लायक
✔ स्वस्थ भोजन से जुड़ा
✔ लोकल पहचान वाले शब्द

उदाहरण:
Healthy Hut Mushroom
Green Valley Organic
Fresh Shroom Farm
SnowWhite Mushrooms

“A short, memorable, and health-related brand name improves mushroom business visibility.”


3. पैकेजिंग डिज़ाइन (Packaging Design Tips)

✔ Transparent पैक
✔ Nutritional Info लिखें
✔ “100% Organic” Tag
✔ QR Code (Farm Location + Contact)
✔ Attractive Logo

“Attractive packaging with nutritional details increases customer trust.”


4. ब्रांड को प्रमोट करने के तरीके

✔ Social Media Ads
✔ Influencer Marketing
✔ Free Sample Distribution
✔ Festival Offers
✔ Wholesale Tie-ups
✔ Online Marketplace Listing

“Using social media and influencers helps rapid brand scaling for mushroom farms.”


5. Branding से मिलने वाले फायदे

  • ग्राहक बार-बार खरीदते हैं
  • कीमत ज्यादा मिलती है
  • मार्केट में पहचान
  • कम Competition
  • तेजी से Growth

“Strong branding helps sell mushrooms at premium prices.”


18 – मशरूम खेती में जोखिम (Risks in Mushroom Farming)

1. तापमान और नमी की समस्या

अगर तापमान और आर्द्रता गलत हो जाए तो पूरा बैच खराब हो सकता है।

  • बटन मशरूम: 16–18°C
  • ऑयस्टर मशरूम: 22–28°C
  • मिल्की मशरूम: 30–35°C

“Incorrect temperature and humidity can cause complete batch failure in mushroom farming.”


2. कंटैमिनेशन (Fungal Infection) का खतरा

यह मशरूम खेती का सबसे बड़ा रिस्क है।
Symptoms:
✔ हरे, काले धब्बे
✔ बदबू
✔ मायसिलियम का रंग बदलना

“Contamination from green mold and black fungus is the biggest challenge in mushroom farming.”


3. मार्केट के उतार-चढ़ाव

Price differs:

  • Season में Rates कम
  • Off-season में Rates ज्यादा

“Market price fluctuation affects mushroom profitability depending on season.”


4. Labour की कमी

मशरूम खेती में
✔ बैग भरना
✔ स्प्रे करना
✔ हार्वेस्ट करना
✔ पैकिंग
श्रमिकों की जरूरत पड़ती है।

“Labour shortage can slow down mushroom production and harvesting.”


5. Storage Risk

मशरूम जल्दी खराब होता है।

  • Cold Storage → जरूरी
  • 2–3 दिन shelf life (Fresh)

“Mushrooms have short shelf-life, making proper cold storage essential.”


6. Transport Risk

गलत पैकिंग से मशरूम टूट जाता है, काला पड़ता है, और कीमत घट जाती है।

“Improper transportation damages mushrooms and reduces selling price.”


19 – मशरूम खेती में सरकारी सहायता, सब्सिडी और ट्रेनिंग (Government Subsidy, Support & Training for Mushroom Farming)


1. भारत सरकार द्वारा मशरूम खेती को बढ़ावा

भारत सरकार मशरूम खेती को एक रोजगार और आय बढ़ाने वाली गतिविधि के रूप में बढ़ावा देती है। इसलिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कई योजनाएँ चलाई जाती हैं।

“The Indian government provides multiple subsidy schemes to promote mushroom cultivation.”


2. मशरूम खेती पर मिलने वाली सब्सिडी

(1) National Horticulture Board (NHB Subsidy)

  • 40%–55% सब्सिडी
  • कोल्ड स्टोरेज, प्रोजेक्ट सेटअप, मशीनरी पर सहायता
  • अधिकतम सहायता ₹50 लाख तक (परियोजना के आकार पर निर्भर)

“NHB offers 40–55% subsidy for mushroom farming projects including cold storage and equipment.”


(2) MIDH (Mission for Integrated Development of Horticulture)

  • मशरूम यूनिट पर 40% तक सब्सिडी
  • Training + Spawn Unit Subsidy
  • Small और Large Project दोनों को कवर करता है

“MIDH provides subsidies for mushroom sheds, spawn units and training programs.”


(3) NABARD Support for Mushroom Farming

  • कम ब्याज दर पर Loan
  • Farm Infrastructure के लिए सहायता
  • Mushroom Units को कृषि Allied Activity माना गया है

“NABARD supports mushroom farming with low-interest loans under agricultural allied activities.”


(4) PM FME (Pradhan Mantri Formalization of Micro Food Processing Enterprises)

  • Small Mushroom Processing Units पर 35% Subsidy
  • Mushroom Powder, Soup, Pickle, Chips आदि

“PM-FME scheme offers 35% subsidy for mushroom value-added product units.”


(5) State Govt. Subsidy (राज्य सरकारों द्वारा सहायता)

हर राज्य में अलग-अलग सहायता मिलती है—

  • 30–60% Subsidy
  • Shed Building Support
  • Spawn Production Unit Support
  • Free Training Program

राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक और तमिलनाडु में योजनाएँ सबसे अधिक सक्रिय हैं।

“State governments offer 30–60% subsidy for mushroom sheds and spawn units.”


3. मशरूम खेती प्रशिक्षण (Training Programs for Mushroom Farming)

(1) राष्ट्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र, सोलन (HP)

  • India का सबसे बड़ा मशरूम ट्रेनिंग सेंटर
  • 5-day/10-day Courses
  • Practical + Theory Both

“NRC Solan is India’s top institute offering professional mushroom training programs.”


(2) कृषि विज्ञान केंद्र (KVK Training Centers)

हर जिले में KVK है।

  • 2–5 दिन की ट्रेनिंग
  • Nominal Fees
  • Practical Demonstrations

“KVKs provide low-cost mushroom farming training in every district.”


(3) कुल्लू, हिमाचल – बटन मशरूम ट्रेनिंग

  • Climate-suited
  • Hands-on experience

(4) ICAR Institutes

  • Free + Paid Trainings
  • Scientific Mushroom Farming Techniques

(5) State Agriculture Universities

  • Short-term + Long-term Courses
  • Certificate Programs

“ICAR and state universities offer scientific mushroom cultivation courses.”



4. ट्रेनिंग लेने के फायदे

✔ Infection control सीखते हैं
✔ सही Temperature/Nutrition knowledge मिलता है
✔ High Yield Techniques सीखते हैं
✔ Marketing Ideas मिलते हैं
✔ Govt Subsidy के लिए Project Report बनवाते हैं
✔ Skill Certificate मिलता है

“Training improves yield, reduces contamination and helps farmers get government subsidies.”



5. Subsidy के लिए आवश्यक Documents

  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक
  • भूमि दस्तावेज या किराया agreement
  • प्रोजेक्ट रिपोर्ट
  • GST (अगर बड़ा यूनिट है)
  • फोटो
  • Bank Loan Sanction Letter

“Aadhar, land papers and project report are required to apply for mushroom subsidy.”


6. Subsidy कैसे Apply करें? (Step-by-Step Guide)

Step 1: नजदीकी कृषि विभाग / Horticulture Office में जाएँ

Step 2: Scheme Details लेकर Application Form भरें

Step 3: Project Report जमा करें

Step 4: बैंक से Loan Sanction कराएँ

Step 5: Inspection के बाद Subsidy Release

“Farmers need to submit a project report and undergo inspection to receive the subsidy.”


20 – मशरूम से बने वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट (Value Added Products from Mushrooms)

मशरूम बेचने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे कई तरह के वैल्यू-एडेड उत्पाद (Value Added Products) बनाए जा सकते हैं, जिनकी डिमांड, प्रॉफिट और शेल्फ-लाइफ दोनों ज़्यादा होती हैं


👉1. मशरूम वैल्यू एडिशन क्यों जरूरी है?

✔ ताज़ा मशरूम जल्दी खराब होता है
✔加工 के बाद शेल्फ-लाइफ 6 महीने–1 साल तक
✔ प्रॉफिट मार्जिन 2X–5X तक
✔ छोटे किसान भी बड़ा बिज़नेस बना सकते हैं
✔ ऑनलाइन बेचने में आसानी

“Value-added mushroom products increase shelf-life and bring higher profits for farmers.”


2. मशरूम पाउडर (Mushroom Powder)

सबसे अधिक बिकने वाला उत्पाद।

कैसे बनाया जाता है:

  1. मशरूम को पतला काटें
  2. धूप/ड्रायर में सुखाएँ
  3. ग्राइंड करके महीन पाउडर बनाएं
  4. एयरटाइट पैक करें

Use:

✔ सूप
✔ सब्जी
✔ दवा उद्योग
✔ हेल्थ सप्लीमेंट

“Mushroom powder is used in soups, medicines and nutritional supplements.”


3. ड्राइड मशरूम (Dried Mushrooms)

Fresh Mushrooms की तरह ही उपयोग लेकिन Shelf-life बहुत लंबी।

कैसे बनता है:

  • मशरूम काटकर 55–60°C ड्रायर में 6–8 घंटे
  • Air-tight pouch में पैक

“Dried mushrooms have long shelf-life and are ideal for online selling.”


4. मशरूम चिप्स (Crispy Mushroom Chips)

आजकल बहुत तेजी से लोकप्रिय Snack।

कैसे बनता है:

  • मशरूम को कॉर्न फ्लोर + मसालों में कोट करें
  • हल्का फ्राई या बेक करें
  • Zip-lock पैकिंग करें

Profit:

₹200/kg मशरूम से 500g प्रीमियम चिप्स = ₹300–₹400 में बिकता है।

“Mushroom chips are a high-profit, trending healthy snack product.”


5. मशरूम पिकल (Mushroom Pickle)

कई राज्यों में High Demand।

कैसे बनता है:

  • बटन/ऑयस्टर मशरूम उबालें
  • सरसों का तेल
  • मसाले
  • एयरटाइट जार

“Mushroom pickle is a strong-selling product in Indian local markets.”


6. मशरूम सूप प्रीमिक्स (Soup Premix)

कैसे बनता है:

  • मशरूम पाउडर + कॉर्नफ्लोर + मसाले
  • Dry Mix Pack
  • 100g Pack = ₹50–₹120

“Mushroom soup premix is an easy-to-sell value-added product with good margins.”

7. मशरूम कुकीज़ (Mushroom Cookies)

बहुत प्रीमियम कैटेगरी।

कैसे बनती है:

  • गेहूं का आटा
  • मक्खन
  • मशरूम पाउडर
  • शुगर

“Mushroom cookies are a premium healthy snack product.”


8. मशरूम टी (Medicinal Mushroom Tea)

Ganoderma, Cordyceps जैसी औषधीय मशरूम की चाय विदेशों में काफी खास है।

“Medicinal mushroom tea is popular for immunity boosting effects.”


9. कॉर्डीसैप्स पाउडर (Cordyceps Powder)

बहुत महंगा उत्पाद।
1 kg = ₹2,000 से ₹10,000 तक बिकता है।

“Cordyceps mushroom powder is a high-value medicinal product.”


10. मशरूम आधारित Ready-to-Cook Products

✔ Mushroom Momos
✔ Mushroom Cutlet
✔ Mushroom Gravy Mix
✔ Mushroom Masala Mix

“Ready-to-cook mushroom products are increasing in demand in urban markets.”


Value Added Products में Profit कितना?

Product Cost/kg Selling Price Profit
Mushroom Powder ₹200 ₹500–₹800 High
Chips ₹200 ₹350–₹400 Medium-High
Pickle ₹150 ₹300–₹350 Medium
Dried Mushrooms ₹150 ₹250–₹350 Medium
Momos ₹120 ₹200–₹250 Medium

“Value-added mushroom products offer up to 200–400% profit margin.


21 — मशरूम की खेती में मार्केटिंग और सेलिंग रणनीतियाँ

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1. भारत में मशरूम की मांग (Mushroom Demand in India)

आज भारत में मशरूम की मांग तेजी से बढ़ रही है। कारण:

  • लोग हेल्दी फूड की ओर झुक रहे हैं
  • होटल, रेस्टोरेंट और पिज़्ज़ा शॉप्स में मशरूम की भारी खपत
  • दवा कंपनियों में मशरूम का उपयोग
  • फिटनेस और जिम डाइट में मशरूम की हाई प्रोटीन वैल्यू

2025 में यह एक 5000+ करोड़ का उद्योग बन चुका है, और हर साल 15–20% की रफ्तार से बढ़ रहा है।


2. मशरूम बेचने के प्रमुख तरीके (Best Ways to Sell Mushrooms)

(A) स्थानीय बाजार में बिक्री (Local Market Selling)

आप अपने क्षेत्र के:

  • सब्जी मंडी
  • किसान बाजार
  • स्थानीय थोक व्यापारी
  • रेस्टोरेंट/होटल
    को सीधे सप्लाई कर सकते हैं।

फायदा:

  • तुरंत बिक्री
  • अच्छा मुनाफ़ा
  • ट्रांसपोर्ट का खर्च कम

(B) सुपरमार्केट और रिटेल स्टोर में सप्लाई

Big Bazaar, Reliance Fresh, DMart, Spencer आदि में मशरूम की भारी मांग है।
यदि पैकेजिंग और क्वालिटी अच्छी होगी तो आप आसानी से सप्लायर बन सकते हैं।

प्रॉफिट मार्जिन: 20–35%


(C) ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिक्री

आप यह माध्यम भी चुन सकते हैं:

  • Meesho
  • ONDC
  • Amazon Pantry
  • Flipkart Grocery
  • Instagram Store
  • WhatsApp Business

"Buy fresh mushroom online", "organic mushroom India" जैसे कीवर्ड्स को टारगेट करें।


(D) सीधे ग्राहक को होम डिलीवरी (D2C Model)

अपने शहर में Instagram/Facebook Ads चलाकर ताज़ा मशरूम की होम डिलीवरी कर सकते हैं।

सबसे अधिक मुनाफ़ा इसी मॉडल में मिलता है।


3. मशरूम प्रोडक्ट्स की वैल्यू एडिशन (Value Added Mushroom Products)

आप केवल ताज़ा मशरूम ही नहीं, कई और प्रोडक्ट बेच सकते हैं:

प्रोडक्ट लाभ
ड्राई मशरूम 6 महीने तक स्टोरेज, 2–3X प्रॉफिट
मशरूम पाउडर दवाई/सप्लिमेंट कंपनियों को सप्लाई
मशरूम अचार लोकल मार्केट में भारी मांग
मशरूम मोमो/कटलेट/पकौड़ा फूड बिज़नेस में दमदार प्रॉफिट

4. मशरूम के लिए ब्रांडिंग रणनीति (Branding Strategy)

✓ ब्रांड नाम चुनें

जैसे—
"FreshFungi", "OrganicMush", "Himalayan Mushroom Farm"

✓ अच्छी पैकेजिंग

  • 200g, 500g और 1 kg पैक
  • ट्रांसपेरेंट बॉक्स
  • क्यूआर कोड + ब्रांड लेबल

✓ सोशल मीडिया मार्केटिंग

  • Reels बनाएं (कम्पोस्ट तैयार, ग्रोथ, हार्वेस्टिंग)
  • “Farm to Home” लाइन को प्रमोट करें

✓ ग्राहक को फ्री सैंपल दें

शुरुआत में 1–2 होटल/रेस्टोरेंट को फ्री सैंपल देना फायदेमंद रहता है।


5. प्राइसिंग रणनीति (Pricing Strategy)

ताज़ा बटन मशरूम

  • थोक भाव: ₹80–₹100 प्रति किलो
  • रिटेल: ₹150–₹180 प्रति किलो
  • सुपरमार्केट: ₹160–₹200 प्रति किलो

ऑयस्टर मशरूम

  • रिटेल: ₹250–₹350 प्रति किलो

ड्राई मशरूम

  • मार्केट रेट: ₹800–₹1500 प्रति किलो

6. मशरूम बिक्री बढ़ाने के टिप्स (Tips to Increase Mushroom Sales)

  • सब्जी मंडी में रोज़ 2–3 घंटे खड़े रहें
  • रोज़ाना सोशल मीडिया पर रील डालें
  • 500–1000 पैकेजिंग बॉक्स तैयार रखें
  • आसपास के होटलों में विजिट करें
  • अपने फार्म का फोटो/वीडियो हर पोस्ट में शेयर करें
  • कस्टमर को "Fresh Daily Harvested Mushrooms" लिखकर दिखाएं

7. मशरूम मार्केटिंग में आम गलतियाँ (Common Mistakes to Avoid)

बिना मार्केट सर्वे के उत्पादन शुरू कर देना
खराब पैकेजिंग
तापमान नियंत्रण न बताना
कीमत ज्यादा रखना
होटलों और रेस्टोरेंट्स से संपर्क न बनाना


8. मशरूम सेलिंग से कमाई (Profit from Mushroom Sales)

यदि आप 100 kg प्रतिदिन उत्पादन करते हैं:

  • खर्च = लगभग ₹5,000–₹7,000
  • बिक्री = ₹15,000–₹18,000
  • मुनाफ़ा = ₹8,000–₹10,000 प्रतिदिन

मासिक कमाई: ₹2.4 लाख से ₹3 लाख तक


22 — मशरूम की खेती में पैकेजिंग और स्टोरेज (Packaging & Storage in Mushroom Farming)

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1. मशरूम पैकेजिंग क्यों ज़रूरी है?

मशरूम जल्दी खराब होने वाली फसल है। सही पैकेजिंग से:

  • इसकी शेल्फ लाइफ बढ़ती है
  • क्वालिटी सुरक्षित रहती है
  • मार्केट में प्रीमियम रेट मिलता है

2. मशरूम पैकेजिंग के प्रकार (Types of Packaging)

(A) प्लास्टिक क्लैमशेल बॉक्स

  • सबसे ज्यादा उपयोग
  • हवा अंदर-बाहर जाती रहती है
  • सुपरमार्केट पैकिंग में उपयोग

(B) पर्फोरेटेड पॉली बैग (होल वाली प्लास्टिक बैग)

  • कम लागत
  • लोकल मार्केट के लिए बेस्ट

(C) कार्डबोर्ड ट्रे + प्लास्टिक रैप

  • प्रीमियम पैकेजिंग
  • ब्रांडिंग व स्टिकर लगाने में आसान

3. मशरूम पैकिंग में ध्यान देने योग्य बातें

  • पैकिंग से पहले मशरूम को धोना नहीं चाहिए
  • ठंडी जगह पर पैकिंग करें
  • पैकिंग बैग/बॉक्स में 4–6 छोटे छेद
  • हाथ हमेशा sanitized हों
  • 200g, 250g और 500g पैक बनाना सबसे फायदेमंद

4. स्टोरेज (Shelf Life) बढ़ाने के तरीके

(1) रेफ्रिजरेशन (2–4°C)

  • शेल्फ लाइफ: 5–7 दिन

(2) Modified Atmosphere Packaging (MAP)

  • बैग में CO₂ बढ़ाई जाती है, O₂ कम
  • शेल्फ लाइफ: 10–12 दिन

(3) ड्राई मशरूम बनाना

  • धूप या मशीन से सुखाकर
  • शेल्फ लाइफ: 6–12 महीने

5. एक्सपोर्ट क्वालिटी पैकेजिंग

  • 250g एयरटाइट पैक
  • ह्यूमिडिटी कंट्रोल पैक
  • हाई-ग्रेड पॉलीमर बॉक्स
  • EU/US मानकों के हिसाब से लेबलिंग

23 — मशरूम में रोग, कीट और नियंत्रण (Disease & Pest Management)

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1. मशरूम में प्रमुख रोग (Major Diseases)

(A) ग्रीन मोल्ड (Green Mold / Trichoderma)

लक्षण:

  • कम्पोस्ट हरा पड़ना
  • मशरूम का विकास रुक जाना

उपाय:

  • बेड को तुरंत हटाएँ
  • कमरे में 2% फॉर्मलिन स्प्रे
  • कंपोस्ट को 65°C पर पकाना

(B) ड्राई बबल (Dry Bubble Disease)

लक्षण:

  • मशरूम पर छोटे सूखे फफोले

उपाय:

  • बेड को नमक वाले पानी से साफ करें
  • कमरे की ह्यूमिडिटी 80% रखें

(C) कॉबवेब रोग (Cobweb Mold)

लक्षण:

  • जाले जैसा धागेनुमा फंगस

उपाय:

  • 2–3 ml ब्लीच/लीमोन में मिला स्प्रे
  • कमरे को रोज़ वेंटिलेशन दें

2. मशरूम में कीट (Pests)

(A) माइट्स

  • छोटे सफेद कीड़ों जैसा
  • दूषित कम्पोस्ट से फैलता है

(B) Sciarid Flies (काली मक्खी)

  • अंडे कम्पोस्ट में देती है
  • स्पॉन रन को रोक देती है

(C) Nematodes

  • मशरूम की जड़ों को नुकसान

3. कीट नियंत्रण (Pest Control)

  • कमरे को 2–3 दिन धूप में सुखाएँ
  • 2% फॉर्मलिन से पूरा हॉल धुएँ दें
  • इंसेक्ट नेट लगाएँ
  • सब काम करते समय ग्लव्स पहनें

24 — मशरूम खेती की लागत (Cost of Mushroom Farming)

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1. 1000 sq.ft सेटअप की अनुमानित लागत

कार्य लागत (₹)
शेड/रूम निर्माण 50,000–80,000
रैक सिस्टम 20,000
स्पॉन मशीन/चेंबर 15,000
कम्पोस्ट 10,000
स्प्रे/टूल्स 5,000
बिजली + पानी 3,000
पैकिंग 5,000
लेबर 8,000

कुल लागत: ₹1,10,000 – ₹1,30,000


2. मासिक चलने वाला खर्च

खर्च राशि
कम्पोस्ट ₹10,000
बीज (Spawn) ₹4,000
मजदूरी ₹8,000
पैकिंग ₹5,000
बिजली/पानी ₹3,000
अन्य ₹2,000

कुल खर्च: ₹30,000 – ₹35,000 प्रतिमाह


25 — मशरूम खेती में मुनाफ़ा (Profit Calculation)

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1. अगर आप 1000 sq.ft में उत्पादन करें

  • उत्पादन: 500–700 kg प्रति माह
  • बिक्री दर: ₹150–₹200/kg

कुल कमाई (Revenue):

500 kg × ₹150 = ₹75,000 से ₹1,00,000

शुद्ध मुनाफ़ा:

₹40,000 – ₹60,000 प्रति माह


2. बड़े स्तर पर 5000 sq.ft फार्म

  • मासिक उत्पादन: 3000–3500 kg
  • मासिक कमाई: ₹4.5 लाख – ₹6.5 लाख
  • शुद्ध मुनाफ़ा: ₹2 लाख – ₹3 लाख प्रतिमाह

26 — सरकार की योजनाएँ और सब्सिडी (Govt Subsidy for Mushroom Farming)

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1. सब्सिडी देने वाले प्रमुख विभाग

  • राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB)
  • कृषि एवं किसान कल्याण विभाग
  • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY)

2. सब्सिडी की दरें

  • 40–50% सब्सिडी शेड और रूम सेटअप पर
  • 60–70% सब्सिडी यदि यूनिट SC/ST/Women Farmer की हो
  • स्पॉन लैब पर भी ₹10–₹15 लाख तक सहायता

3. लोन सुविधा

  • PM Formalization of Micro Food Enterprises (PM-FME)
  • Mudra Loan (0–10 लाख)
  • Agriculture Infrastructure Fund (AIF)

27 — मशरूम खेती में सफल होने के टिप्स (Success Tips)

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1. छोटे से शुरू करें, धीरे-धीरे बढ़ाएँ

एकदम बड़े पैमाने पर मत जाएँ। पहले 100–200 kg/Month पर काम करें।


2. 100% सफाई (Hygiene) सफलता की कुंजी है

  • गंदगी = रोग = नुकसान
  • कमरे में धूल, कीट, नमी का नियंत्रण ज़रूरी

3. सही तापमान और नमी

  • बटन मशरूम = 16–18°C
  • ऑयस्टर मशरूम = 20–28°C

4. ताज़ा कम्पोस्ट = ताज़ा मशरूम

पुराना कम्पोस्ट = बीमारी


5. रोज़ाना वेंटिलेशन दें

CO₂ बढ़ने पर मशरूम की ग्रोथ रुक जाती है।


28 — मशरूम खेती का भविष्य (Future of Mushroom Farming in India)

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1. भारत में बाजार 2030 तक 10,000 करोड़ पार करेगा

स्वास्थ्य-सचेत लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।


2. होटल, पिज़्ज़ा, फूड चेन का विस्तार

Dominos, KFC, McDonald's में मशरूम आधारित डिश की मांग तेजी से बढ़ रही है।


3. दवा उद्योग में भारी मांग

  • रीशी मशरूम
  • शीटाके मशरूम

ये दवाइयों में उपयोग होने वाले सबसे प्रीमियम किस्में हैं।


20- पूरा निष्कर्ष (Conclusion)

मशरूम खेती एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें:

  • कम निवेश
  • कम जगह
  • कम समय
  • अधिक मुनाफ़ा

चारों ही फायदे मौजूद हैं।
अगर किसान (या कोई भी व्यक्ति) सफाई, तापमान नियंत्रण और सही मार्केटिंग को समझ ले तो वह ₹40,000 से ₹2 लाख प्रति माह तक की कमाई कर सकता है।

मशरूम की खेती कैसे करें? Complete Guide – लागत, मुनाफ़ा, ट्रेनिंग, मार्केटिंग और सरकारी सब्सिडी मशरूम की खेती कैसे करें? Complete Guide – लागत, मुनाफ़ा, ट्रेनिंग, मार्केटिंग और सरकारी सब्सिडी Reviewed by Rakesh Tiwari on दिसंबर 06, 2025 Rating: 5

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